टीआई के प्राइवेट चालक ने की थी 30 हजार के रिश्वत की डील, लोकायुक्त ने चालक को पकड़ा
सेवानिवृत्त होने से 3 माह पहले दूसरी बार रिश्वत लेते ट्रेप हुये थाना प्रभारी, पूर्व की कार्यवाही में न्यायालय से हो चुके थे बरी…
तेज खबर 24 शहडोल रीवा।
सरकारी विभागों के साथ पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ की जाने वाली कार्यवाहियों के बीच गुरुवार को शहडोल जिले में निरीक्षक पद में पदस्थ पुलिस अधिकारी को रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ ट्रेप किया है। निरीक्षक नें रिश्वत की यह रकम एसटीएससी एक्ट मामले में फरियादी के ऊपर एफआईआर ना दर्ज करने के एवज में मांगी थी। रिश्वत की डील निरीक्षक के प्राइवेट वाहन चालक ने की, जिसमें फरियादी ने पहली किस्त तो दे दी लेकिन दूसरी किस्त लोकायुक्त में शिकायत करने के बाद दी और लोकायुक्त ने निरीक्षक सहित प्राइवेट वाहन चालक दोनों को एक साथ ट्रेप कर लिया।
विभागीय सूत्रों की मांने तो निरीक्षक दयाशंकर पाण्डेय यह दूसरी बार लोकायुक्त के हाथों ट्रेप हुये है। इसके पूर्व वह दूसरे जिले में पदस्थापना के दौरान भी ट्रेप हुये थे लेकिन मामले में वह न्यायालय से बारी हो गए थे। दरअसल ट्रेप की यह कार्यवाही गुरुवार को रीवा लोकायुक्त की 12 सदस्यी टीम ने शहडोल जिले के जैतपुर में की है।
जानकारी के मुताबिक सोसायटी सेल्समैन अभय नंद पाण्डेय निवासी कोटरी को एसटीएससी एक्ट केस में एफआईआर ना दर्ज करने के एवज में 30 हजार रुपए की मांग की गई थी। फरियादी अभय नंद पांडेय ने 14 हजार की पहली किस्त एक दिन पूर्व ही दे दी थी जबकि दूसरी किस्त देने से पहले उसने लोकायुक्त के रीवा कार्यालय में शिकायत दर्ज करा दी और लोकायुक्त ने महज 1 दिन के भीतर ही ट्रेप की योजना बनाकर गुरुवार की शाम बची हुई 16 हजार की दूसरी किस्त लेते जैतपुर टीआई दयाशंकर पाण्डेय व प्राइवेट वाहन चालक गौरीशंकर मिश्रा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि जैतपुर थाना प्रभारी निरीक्षक दयाशंकर पाण्डेय का पुलिस विभाग में नौकरी का कार्यकाल महज 3 माह बाद ही समाप्त होने वाला था, लेकिन सेवानिवृत्त होने से पहले ही उन्होंने वर्दी को दूसरी बार दागदार कर लिया। फिलहाल मामले में लोकायुक्त ने निरीक्षक के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है और मामले को विवेचना में लिया है।