सेवा से बर्खास्त समिति प्रबंधक को न्यायालय से मिले स्टे के बाद ड्यूटी जॉइन कराने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
तेज खबर 24 जबलपुर।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में नौकरी से रिटायर होने से महज 6 माह पूर्व रिश्वत ले रहे सहकारी बैंक के सीईओ को आज लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई जबलपुर स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में की गई है। लोकायुक्त ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को उन्हीं की केबिन मे 20 हजार रुपयों की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। सीईओ द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत जबलपुर के ही मझौली निवासी राधे लाल यादव ने जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में की थी।
कार्रवाई के संबंध में प्राप्त जानकारी के मुताबिक फरियादी मंझौली निवासी राधे लाल यादव ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की गई शिकायत में बताया था कि वह प्राथमिक कृषि साख सहकारी तलाड में समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ था। सितंबर 2022 में उसके ऊपर झूठे आरोप लगाते हुए संभागीय अधिकारी से शिकायत कर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया जिसके खिलाफ वह हाईकोर्ट गया और न्यायालय से सेवा समाप्ति पर स्टे लाया। हाई कोर्ट का आदेश लेकर वह कई दिनों से अपनी जाइनिंग के लिए जिला सहकारी कार्यालय में भटक रहा था लेकिन उसकी नियुक्ति नहीं की जा रही थी।
बताया गया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेश कुमार जैन ने फरियादी राधेलाल यादव से जाइनिंग एवं चार्ज दिलाने के एवज में 20 हजार के रिश्वत की मांग की जा रही थी, जिसकी शिकायत फरियादी ने जबलपुर लोकायुक्त से की। फरियादी द्वारा की गई उक्त शिकायत जांच में सही पाए जाने के बाद आज सहकारी बैंक के सीईओ वीरेश कुमार जैन को उन्हीं के कार्यालय में बने केबिन के अंदर 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया गया कि सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेश कुमार जैन के खिलाफ 2013 में 1 करोड़ रुपए से अधिक के गबन के मामले की जांच जबलपुर लोकायुक्त पहले से ही कर रही थी। लोकायुक्त की जांच के दायरे में आने के बावजूद भी 2021 सितंबर को पुनः विनेश कुमार जैन की जबलपुर में पोस्टिंग कर दी गई और अब उनके रिटायरमेंट को महज 6 माह का ही समय बचा था उन्हें लोकायुक्त ने 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल इस पूरे मामले में लोकायुक्त ने सीईओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है और अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।