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प्रदेश में सबसे ज्यादा जर्जर स्कूले रीवा में: जिले की 244 स्कूलों की मरम्मत के लिये 7.28 करोड़ मंजूर

दो साल बाद मिला बजट, प्रदेश की 6048 स्कूूलों के लिये 150 करोड़़ मंजूर
तेज खबर 24 रीवा।

अयाज खान


मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद ही खराब हो चुकी है। देखरेख के आभाव में अधिकांश स्कूलें तो बुरी तरह से जर्जर है जहां बच्चों की जान तक का खतरा बना रहता है। प्रदेश में अगर सबसे ज्यादा जर्जर हो चुकी स्कूलों की बात करे तो रीवा जिले में इनकी संख्या बहुतायत है जहां अकेले 244 जर्जर स्कूले चिंहित है। हांलाकि ऐसी जर्जर हो चुकी स्कूलों की मरम्मत कराने के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र ने राशि मंजूर कर दी है और मार्च माह तक मरम्मत का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है।


दरअसल मीडिया मंे जारी रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में कुल 6048 स्कूल जर्जर स्थिति मंे है। दो साल बाद इनकी मरम्मत के लिए बजट मंजूर किया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी 52 जिलों में सरकारी स्कूलों के लिए 150 करोड़ 49 लाख रुपए मंजूर किए हैं। विभाग की ओर से जारी आदेश में स्कूलों के सभी काम 31 मार्च 2023 तक पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। सबसे ज्यादा रीवाए धारए सतनाए छिंदवाड़ा जिले में स्कूल जर्जर हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि नए सत्र में जब बच्चे पढ़ने जाएंगे तो उन्हें जर्जर स्कूल भवन.कक्षाओं में नहीं बैठना पड़ेगा।


बता दें कि रीवा में सरकारी स्कूलों में अधिकांश की छतों और दीवारांे प्लास्टर तक झड़ने लगा है। इसके अलावा दीवारों पर सीलन और जगह.जगह दरारें पड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं बारिश के दिनांे में तो कई स्कूलों की छतें तक टपकती है जिससे छात्रांे के पठन पाठन में परेशानी होती है।


फिलहाल राज्य शिक्षा केन्द्र ने अकेले रीवा जिले की 244 स्कूलों के लिये 7 करोड़ 28 लाख की रकम मरम्मत कार्य के लिये मंजूर किया है। अधिकारियों के अनुसारए स्वीकृत राशि से स्कूलों के दरवाजेए खिड़कियांए फर्शए टॉयलेटए छतए बाउंड्रीवॉल सहित अन्य काम कराए जाएंगे।

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