पूर्व में संशोधित कर 12 सप्ताह से 26 सप्ताह किया जा चुका है मातृत्व अवकाश …
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महिलाओं को मिलने वाले मैटर्निटी लीव को लेकर इन दिनों नीति आयोग में चर्चा चल रही है। हाल ही में नीति आयोग के सदस्य ने मैटर्निटी लीव को बढ़ाने की सलाह दी है। नीति आयोग के सदस्य ने 6 माह के लिए मिलने वाले मातृत्व अवकाश को 9 माह तक बढ़ाने की बात कही है। हांलाकि इस सलाह पर बैठकों के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
दरअसल महिला कर्मचारियों को मिलने वाली मैटरनिटी लीव पर चर्चा होती रहती है। अब नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाकर्मियों के लिए मातृत्व अवकाश 6 से बढ़ाकर 9 माह करने पर विचार करना चाहिए। मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 को वर्ष 2017 में संसद ने पारित किया था। इसमें 12 सप्ताह के वैतनिक अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह का किया था।
पॉल ने कहा कि निजी क्षेत्र को बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए अधिक शिशु गृह खोलने चाहिए। वहीं बुजुर्गों की देखभाल के कार्यों में नीति आयोग की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में लाखों देखभाल कर्मियों की आवश्यकता होगी, इसलिए प्रशिक्षण प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। फिक्की के महिला संगठन ने पॉल के हवाले से कहा कि मातृत्व अवकाश को बढ़ाने को लेकर निजी व सार्वजनिक क्षेत्र को साथ बैठने की जरूरत है।
इधर महिला संगठन एफएलओ की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर केयर इकोनॉमी अहम क्षेत्र है। यह क्षेत्र आर्थिक विकास, महिला सशक्तीकरण व लैंगिक संतुलन को बढ़ावा देता है। हमारे पास केयर इकोनॉमी से जुड़े श्रमिकों की पहचान करने की प्रणाली नहीं है। अन्य देशों की तुलना में केयर इकोनॉमी पर भारत का खर्च बहुत कम है।