धोखाधड़ी का शिकार प्रिंसिपल नें थाने में की शिकायत, सायबर पुलिस नें शुरु की जांच
तेज खबर 24 रीवा।
शून्य प्रतिशत ब्याज का झांसा देकर सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने उनके खाते में रुपए ट्रांसफर किए और बाद में दूसरे खातों में भेज दिया। उनके खाते में पहले से पड़ी रकम भी आरोपी ले गए। अब पीड़ित के नाम पर बैंकों का लोन चढ़ गया है जिसकी किश्त आने के बाद इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी उनको हुई। शिकायत मिलने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। पूरा मामला समान थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है।
समान थाने के बरा मोहल्ला निवासी कैलाशचंद्र अवधिया 49 वर्ष बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनगवां में प्राचार्य के पद पर पदस्थ है। पीड़ित के मोबाइल पर 20 अप्रैल को फोन कर मोबाइल पर कुछ दस्तावेज भेजे थे जिसमें शून्य प्रतिशत ब्याज पर बीस लाख रुपए का लोन देने का झांसा दिया था। वह दस्तावेज देखकर लोन लेने को तैयार हो गए। उन्होंने अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित सारे दस्तावेज उसको दे दिये। एक दूसरे बदमाश विमल भटनागर ने उनको फोन लगाया और एक एप इंस्टाल करवाया जिसमें मौजूद फार्म को उन्होंने भर दिया। 8 मई को बजाज फाइनेंस उर्रहट से 9 लाख रुपए का लोन स्वीकृत हुआ और उनके खाते में 8.67 लाख रुपए आ गए।
बाद में यह राशि उसी दिन कैलाश धाकड़ के एचडीएफसी बैंक खाता मानसा नीमच के खाते में 9 मई को एचडीएफसी बैंक से 15.29 लाख रुपए का लोन उनके एसबीआई खाते में ट्रांसफर हुआ। उसी दिन 10 लाख रुपए कैलाश धाकड़ के खाते में ट्रांसफर कर दिया। अगले दिन 10 मई को 5 लाख रुपए बृजेश कुमार उमरे निवासी अमानगंज जिला पन्ना के खाते में ट्रांसफर कर दिया। 27 मई को आरोपी ने उनके खाते में पूर्व से जमा 5.22 लाख रुपए कैलाश धाकड़ और 31 मई को 2 लाख रुपए बृजेश कुमार उमरे के खाते में ट्रांसफर कर दिया। पीड़ित से 30.89 लाख रुपए की ठगी की गई है।
महीने भर बाद हुयी धोखाधड़ी की जानकारी
पीड़ित को उक्त फ्राड की जानकारी करीब महीने भर बाद हुई। उक्त दोनों लोन की किश्त जमा करने का मैसेज आया। पांच जून को 22445 व 7 जून को 41146 रुपए उनके खाते से कट गए। जब उन्होंने बैंक से जानकारी निकलवाई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया। आरोपियों ने उनसे सारी व्यक्ति जानकारी लेकर मोबाइल को हैक कर लिया और बाद में उनके नाम से 9 व 15 लाख रुपए के दो लोन स्वीकृत करवा दिये। लोन की राशि खाते में आने के बाद आरोपियों ने उसे दूसरे खातों में ट्रांसफर करके उसको निकाल लिया और अब यह लोन पीड़ित के सिर में आ गया है।
सायबर पुलिस लगा रही आरोपी का पता
प्राचार्य से तीस लाख की ठगी करने वाले आरोपियों के संबंध में पुलिस अब साइबर सेल की मदद से जानकारी जुटा रही है। जिन खातों में रुपए ट्रांसफर किये गये है उनके फर्जी नाम से खोले जाने की संभावना पुलिस जता रही है। फिर उन बैंकों से जानकारी मंगवाकर खाताधारक का पता लगाया जाया जायेगा। उसके बाद ही इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य आरोपियों के नाम सामने आएंगे।