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उत्तर प्रदेश के हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठी चार्ज के मामले में सीईओ और इंस्पेक्टर सहित 50 लोगों को नाम चेक करते हुए कल 151 पुलिसकर्मियों के खिलाफ फिर दर्ज की गई है। मामला 29 अगस्त को महिला वकील पर दर्ज FIR का विरोध कर रहे वकीलों पर किए गए लाठी चार्ज का है। यहां विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और वकीलों के बीच नोकझोंक हुई थी जिस दौरान पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए वकीलों को खदेड़ा था जिस दौरान कई वकील घायल हो गए थे।
इस मामले को लेकर लगातार वकीलों का विरोध जारी था और वह पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे थे। मामले में अधिवक्ताओं की ओर से वकील सुधीर कुमार राणा की शिकायत पर बुधवार को हापुड़ नगर कोतवाली में पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें 51 नामजद और 100 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ 8 संगीन धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप…
अधिवक्ता द्वारा की गई शिकायत में पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रमुख आरोप में पुलिस पर आरोप है कि वकीलों के ऊपर पुलिस ने जान से मारने की नीयत से लाठीचार्ज किया था। पुलिस ने वकीलों को बेहोश होने के बाद भी पीटा और उन पर बंदूके भी तानी गई।
इसके अलावा वकीलों का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उनके साथ लूटपाट की थी साथ ही महिला वकील के कपड़े भी फाड़े गए। आरोप यह भी है कि पुलिस ने वकीलों के साथ अंग्रेजों की तरह बर्बरता की और उन्हें थाने से भगा दिया गया साथ ही थाना प्रभारी और सीओ लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी देते रहे।
यहां से शुरू हुआ विवाद…
दरअसल वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद का सिलसिला तब शुरू हुआ जब एक महिला वकील प्रियंका त्यागी अपने पिता और दो लोगों के साथ हापुड से कर में सवार होकर गाजियाबाद की तरफ जा रही थी तभी रास्ते में बाइक सवार दो पुलिसकर्मियों से कार और बाइक के बीच हुई टक्कर को लेकर विवाद हो गया। इस मामले में एक ओर महिला वकील ने सिपाहियों पर अभद्रता करने व कार को बाइक से टक्कर मारने का आरोप लगाया था तो वही पुलिस कर्मियों ने महिला वकील सहित कार में सवार एक व्यक्ति पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस की ओर से महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी और महिला वकील के पिता को पड़कर थाने भी लाया गया। लेकिन वकीलों के द्वारा थाने का घेरराव करने के बाद महिला वकील के पिता को पुलिस ने छोड़ दिया। हालांकि यह मामला यहीं पर शांत हो गया था लेकिन पुलिस की तरफ से महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ दर्ज फिर को अधिवक्ता लगातार वापस लेने की मांग कर रहे थे और यह मांग धीरे-धीरे आंदोलन का रूप लेती चली गई और अधिवक्ताओं ने प्रदेश व्यापी हड़ताल कर दी थी।