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हजारों गायों का आश्रय स्थल और आय के स्त्रोत का साधन बना बसामन मामा गौवंश वन्य विहार, कल होगा लोकार्पण

तेज खबर 24 रीवा।
रीवा के प्रसिद्ध स्थल बसामन मामा गौवंश वन्य विहार की स्थापना 13 हेक्टेयर क्षेत्र में निराश्रित गायों के आश्रय स्थल के रूप में किया गया है। इसका लोकार्पण 5 अक्टूबर को जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल करेंगे।

500 से हुई शुरुआत अब हजारों गायों को दिया गया आश्रय
प्रारंभ में 500 निराश्रित गायों से प्रारंभ वन्य विहार में वर्तमान में हजारों गायों को आश्रय दिया गया है। वन्य विहार बनने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐरा पशुओं की कठिनाई बंद हो गयी है। नहीं तो पहले तो गाय खेत में घुसकर पूरी फसल नष्ट कर दिया करती थी। अब पशुओं के कारण यातायात भी प्रभावित नहीं होता। सड़कों में अब पशु बैठे हुये नहीं मिलेंगे।

आय के स्त्रोत का साधन बना वन्य विहार
वन्य विहार में निराश्रित गायों के चारा एवं भूसा का प्रबंध पशुपालन विभाग एवं संचालन समिति द्वारा किया जाता है। गौवंश वन्य विहार में रह रही गायों से भारी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट, गोनायल, हैण्डवाश एवं टायलेट क्लीनर तैयार कर करहिया सब्जी मंडी के पास स्थित एसपीओ के माध्यम से विक्रय किया जाता है। इससे वन्य विहार को 4 लाख रूपये वार्षिक आय हो जाती है। संचालन समिति द्वारा दुग्ध विक्रय कर औसतन प्रतिमाह 45 हजार रुपए की आय अर्जित की जा रही है। वन्य विहार में तैयार उत्पाद पूरी तरह से शुद्ध एवं लाभकारी है। इसी लिए इसका विक्रय हाथों.हाथ बिक जाता है।

1049.29 लाख की लागत से विभिन्न कार्यो को हुआ निर्माण
बसामन मामा गौवंश वन्य विहार में 1049.29 लाख रुपए की लागत से विभिन्न कार्यों का निर्माण कराया गया है। जिसमें गौवंश शेड, भूसा शेड, पानी के हौज, पीसीसी रोड, वर्मी कम्पोस्ट शेड, गोबर गैस यूनिट, रपटा निर्माण, यज्ञशाला निर्माण, रेस्टहाउस निर्माण, पशु चिकित्सालय तथा गेट का निर्माण कार्य शामिल है। इसके साथ ही छिदवा नाला में चेकडैम्प, नर्सरी, पीसीसी पेवर ब्लाक दो गेट, वीर्य तकनीक से नस्ल सुधार, गौवंश से प्राप्त अपशिष्टों से जैविक उत्पाद, जैसे जैविक खाद, केचुआ खाद, गमला अगरबती, गोनायल, हैण्डवाश, टायलेट क्लीनर, गोअर्क, जीवामृत तैयार किया जायेगा। संचालन समिति द्वारा फास्फेट युक्त जैविक खाद इकाई भी संचालित की जा रही है। गौवंश वन्य विहार में जन सहयोग से बड़ी मात्रा में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। इसके साथ ही खनिज न्यास मद से गौवंश वन्य विहार में गौवंशों के लिए पेयजल हेतु पंप हाउस व बोरवेल की व्यवस्था भी की गई है।

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