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MP में नकली अफसर का वसूली गैंग : EOW का अफसर बन अधिकारी व कर्मचारियों अवैध वसूली करने वाले गिरोह पकड़ाया


रीवा से फरार 10 हजार का ईनामी आरोपी गैंग के साथ भोपाल से गिरफ्तार, पुत्र के साथ मिलकर पिता चला रहा था गिरोह


तेज खबर 24 रीवा।
रिपोर्ट अयाज खान अज्जू


प्रदेश में पुलिस विभाग के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों के नाम पर सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों से अवैध वसूली के मामले में फरार चल रहे 10 हजार के ईनामी आरोपी को गैंग के साथ गिरफतार किया गया है। यह गैंग रीवा सहित प्रदेश के कई जिलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को ईओडब्ल्यू विभाग की रेड डालनें व कार्यवाही करने का भय दिखाकर उनसे अवैध वसूली कर रही थी। गिरोह में कुल तीन सदस्य शामिल थे जिनमे रीवा का रहने वाला संजय लोचन मिश्रा सहित उसका पुत्र और एक अन्य आरोपी शामिल है।

दरअसल यह खुलाशा आज रीवा ईओडब्ल्यू एसपी वीरेन्द्र जैन ने किया है। एसपी ने बताया है कि ईओडब्ल्यू विभाग के नाम पर प्रदेशभर में अवैध वसूली करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जिनके द्वारा सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्यवाही का भय दिखाकर उनसे रुपए ऐठे जा रहे थे। एसपी ने जानकारी देते हुये बताया कि रीवा निवासी संजय लोचन मिश्रा नाम का शख्स रीवा में ईओडब्ल्यू विभाग का निरीक्षक बनकर अवैध वसूली करता था, जिसके खिलाफ अपराध का प्रकरण रजिस्डर्ट कर उसके यूनियन बैंक अकाउंट को सीज कर दिया गया था जिसके बाद से आरोपी फरार हो गया और उस पर 10 हजार का ईनाम भी घोषित था। आरोपी रीवा में एफआईआर दर्ज होने के बाद रीवा छोड़कर भोपाल चला गया जहां उसकी मुलाकात पन्ना निवासी रघुराजा गर्ग नाम के शख्स से हुई और फिर आरोपी अपने बेटे सहित रघुराजा के साथ मिलकर अवैध वसूली का गैंग आपरेट करने लगा और फिर तीनों मिलकर प्रदेश के अलग अलग जिलां में ईओडब्ल्यू का अधिकारी बनकर सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों से वसूली करने लगे। ईओडब्ल्यू एसपी ने बताया कि आरोपी की लगातार चल रही तलाश के बीच उसे सायबर की मदद से ट्रैस आउट कर भोपाल से गिरफ्तार किया गया है जिसके साथ उसका बेटा सहित उसका सहयोगी रघुराजा गर्ग भी पकडा गया है।

रीवा के बाद भोपाल से चला रहा था वसूली का सिंडिकेट
ईओडब्ल्यू पुलिस के मुताबिक ईओडब्ल्यू का फर्जी निरीक्षक संजय लोचन मिश्रा 2021 में रीवा में एफआईआर रजिस्टर्ड होने के बाद फरार हो गया था और रीवा छोड़ने के बाद उसने भोपाल को अपना अड्डा बना लिया जहां वह अपने बेटे सहित साथी रघुराजा के साथ भोपाल के टीटी नगर में एक किराए का कमरा लेकर रहने लगा और वहीं से प्रदेशभर के अलग अलग जिलों में जाकर वसूली का सिंडिकेट चलाने लगा था।


प्रदेश के इन जिलो में गिरोह ने की वसूली
रीवा की ईओडब्ल्यू पुलिस के मुताबिक प्रदेशस्तरीय वसूली गैंग रीवा के अलावा मध्यप्रदेश के श्योपुर, गुना, रतलाम, पन्ना, भोपाल, टीकमगढ़ व सागर सहित अन्य जिलों के अधिकारियों व कर्मचारियों से वसूली कर चुका है। ईओडब्ल्यू ने एक अनुमान लगाया है कि अब तक गिरोह प्रदेशभर के 20 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों से 10 लाख से अधिक की वसूली कर चुका है। बता दें कि यह गिरोह अधिकांश रेवेन्यू विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को अपना शिकार बनाता था जिसमें सबसे ज्यादा पटवारी व आरआई शामिल है।


पुलिस को मिली गैंग का शिकार हो चुके और होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की लिस्ट
ईओडब्लयू पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 5 मोबाइल के साथ उन अधिकारियों व कर्मचारियों की लिस्ट बरामद की है जिसमें शिकार हो चुके लोगों के साथ उनके भी नाम दर्ज जिन्हें वह अपना अगला शिकार बनाना चाहते थे। एसपी ने बताया कि एक लिस्ट में अधिकारियों के नाम के सामने लिखा है कि किससे ईओडब्ल्यू के नाम से वसूली की है और किससे लोकायुक्त के नाम पर तो वहीं दूसरी लिस्ट में उनके नाम शामिल है जो उनका शिकार आसानी से हो सकते है।

2019 में लोकायुक्त ने भी दर्ज कराई थी एफआईआर
ईओडब्ल्यू एसपी के मुताबिक आरोपी संजय लोचन मिश्रा को वर्ष 2019 में लोकायुक्त के नाम पर अवैध वसूली के आरोप में सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में भी आरोपी के खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी है। आरोपी ने अवैध वसूली की शुरुआत लोकायुक्त के नाम से ही शुरु की थी जिसके बाद वह ईओडब्ल्यू का फर्जी अफसर बन गया और फिर पुलिस की इन दोनों ही शाखाओं के नाम से प्रदेशभर में वसूली करने लगा था।


गिरोह ऐसे बनाता था सरकारी अफसरों को अपना शिकार
ईओडब्ल्यू पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी संजय लोचन मिश्रा ने बताया कि उसका ज्यादातर विभागांं में उठना बैठना था और वह विभागों के साथ साथ अधिकारियों के कार्यप्रणाली से पूरी तरह से अवगत था जिसके चलते वह आसानी से उन्हें अपना शिकार बना लेता। बताया गया कि गिरोह वसूली का पैसा सीधा बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराते थे जिनके पास से तीन अलग अलग बैंक अकाउंट भी मिले है जिन्हें सीज करा दिया गया है।


राजधानी भोपाल से पकड़ा गया गिरोह
एक साल से फरार चल रहे आरोपी को ईओडब्ल्यू रीवा एसपी वीरेन्द्र जैन के निर्देश पर निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा, प्रधान आरक्षक पुष्पेन्द्र पटेल, भारतेन्दु सहित स्टॉफ ने भोपाल से गिरफ्तार किया है। मामलें में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न अपराध की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध का आज न्यायालय में पेश किया गया है।

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