नियमों को ताक पर रखकर जेल के कैदी अफसरों के बंगले में अकेले ही आते जाते नजर आ रहे है
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश के रीवा स्थित केंन्द्रीय जेल में सुरक्षा व्यवस्था को सेंध लगाने के अलग अलग वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे है। एक वीडियो जेल की चार दीवारी के भीतर बाहर से ही नशे का सामान पहुंचाने का है तो वहीं दूसरे वीडियो में जेल का कैदी अकेले ही जेल अफसर के बंगले से आता नजर आ रहा है। हालांकि तेज 24 वायरल हुये वीडियों की पुष्टि नहीं करता है लेकिन वीडियों को लेकर जो दावे किए जा रहे है वह कहीं ना कहीं जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सेंध लगा रहे है और जेलकर्मियों की मिली भगत को उजागर करता है।
दरअसल केंद्रीय जेल रीवा में व्याप्त अनियमित्ता का सिलसिला अनवरत रूप से चल रहा है। जेल मुख्यालय भोपाल के कड़े निर्देशों के बावजूद अनियमितताओं का दौर थमा नहीं है। इन दिनों शोसल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमे जेल की ऊंची त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार के ऊपर से नशीली कफ सीरप सहित नशीले पदार्थ अंदर फेंके जा रहे हैं जो कि कैदियों के पास पहुंचते हैं। माना जाता है कि जेल के बाहर से फेंके जाने वाला नशे का सामान जेल के अंदर चक्कर अफसर के खास प्रहरी और कैदी अंदर से उठाकर कैदियों को सप्लाई करते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि सभी नियम और कायदों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जाहिर है कि जेल के अंदर कोई भी गतिविधि चलती है तो उसकी निश्चित तौर पर अधिकारियों को जानकारी रहती है। लेकिन अधिकारी इस पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुये इस पर कार्यवाही की बात कर रहे है।
जेल के पीछे से अंदर फेंका जा रहा नशे का सामान
रीवा के केन्द्रीय जेल में नशे का सामान फेंके जाने का वीडियो जेल रोड स्थित पीटएस मार्ग का है जहां पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के बगल के समीप से ही एक युवक झोले में रखे नशे के सामान को बारी बारी से अंदर फेंकता नजर आ रहा है। वीडियो में बाइक सवार युवक जेल के पीछे से नशे में प्रयुक्त कफ सीरप की शीशियां फेंकता दिखा है। युवक द्वारा जेल के अंदर नशे का सामान फेंकते हुये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिससे कहीं कहीं ना जेल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
नियमों को ताक पर रखकर अकेले घूम रहे कैदी
रीवा के केन्द्रीय जेल के बाहर का एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें जेल का कैदी अकेले ही घूमता नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि कैदी अफसर के बंगले में ड्यूटी करने गया था जहां से वह अकेले ही बंगले से जाता और आता नजर आ रहा है। गौरतलब है कि जेल के नियमों में कैदी अकेले बाहर नहीं निकल सकते लेकिन यहां तो सारे नियम और कायदों को ताक पर रखकर कैदी को अकेले ही आने जाने दिया जा रहा है।
जानिए कैसे चलता है नशे का सामान पहुंचाने का खेल
गौरतलब है कि जेल के पीछे स्थित पीटीएस के रास्ते से कैदियों के पास जो सामग्री भेजी जाती है उसे अंदर से उठाने का भी काफी दिलचस्प तरीका प्रकाश में आया है। जेल सूत्रों की मांने तो कैदियों के संबंधी द्वारा जेल के अंदर फेंकी जाने वाली नशे की सामग्री जेल के अंदर मैदान में अथवा पेड़ पौधे या फूलों के बगीचे में जाकर गिरती है और उसे फेंकने का समय भी निर्धारित है जो सुबह 8 बजे और शाम को 5 से 6 बजे के बीच रहता है। बताया जाता है कि चक्कर का कार्य देखने वाले कैदियों को इस बात का अंदाजा रहता है कि वह कहां के फूल के बगीचे अथवा पेड़ों पर कोई भी सामग्री अटकी हुई है और उसे सुबह या रात में निकालकर कैदियों को सप्लाई कर दी जाती है। गौरतलब है कि इस तरह के मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके हैं परंतु कार्यवाही के नाम पर इस सिपाहियों को बलि का बकरा बना दिया जाता है जबकि कोई भी सिपाही बिना अपने अधिकारी की जानकारी की अथवा मिलीभगत के ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर सकता है।
इनका कहना है…
निश्चित रुप से यह बेहद ही गंभीर बात है, इस पर रोक लगाने का पहले से प्रयास किया जा रहा है लेकिन मेन हाइवे के कारण लोगों को रोक पाना संभव नहीं हो पाता है फिर भी सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है फिर भी अगर इस तरह की बात सामने आ रही है तो कार्यवाही की जाएगी।
रवि शंकर सिंह, जेलर केन्द्रीय जेल रीवा।