मृत मवेशियों को जलाने के लिए मिलने वाले डीजल की बाजार में हो रही बिक्री, बंद पड़ी मशीनें
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा जिले के पहड़िया गांव में बने ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन कचरा प्लांट में भारी अनियमित्ता उजागर हुई है। यहां मृत मवेशियों को जलाने के लिए बकायदा इलेक्ट्रानिक मशीन लगी है और एक मवेशी को जलाने के लिये 60 से 70 लीटर डीजल भी उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन यहां मवेशियों के शव को जलाने की वजाय कर्मचारियों ने कचरा प्लांट को ही मवेशियों की कब्रगाह बना डाला और मवेशियों के शव को जमीन में ही दफन कर दिया।
दरअसल यह खुलाशा ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के बाद कचरा प्लांट पहुंचे इंजीनियर व तहसीलदार के सामने हुआ। यहां इंजीनियर और तहसीलदार ने जब प्लांट में खुदाई कराई तो भारी संख्या में मृत मवेशियों के अवशेष दफन मिले है।
प्लांट से दुर्गंध आने पर ग्रामीणों ने की थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक पहड़िया गांव में बने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कचरा प्लांट से काफी दुर्गंध आने से ग्रामीण परेशान थे। दुर्गंध से परेशान होकर ग्रामीण कचरा प्लांट पहुंचे जिसका विरोध करते हुए समासेवियों व मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई और जब मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अमले ने हकीकत जानी तो वह भी हैरान रह गए।
जमीन में दफन मृत मवेशियों के अवशेष से फैली दुर्गंध
प्रशासन की ओर से प्लांट भेजे गए नगर निगम इंजीनियर और तहसीलदार ने पाया कि यहां मृत मवेशियों को जलाने की सुविधा होने की बजाय उन्हें जमीन में दफन किया जा रहा है जिससे इलाके में दुर्गंध फैली हुई है। खुदाई के दौरान सैकड़ों मृत मवेशियों के अवशेष दफन मिले है और जब इस संबंध में कर्मचारियों से पूंछा गया तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली।
बाजार में बिकता है मवेशियों को जलाने मिलने वाला डीजल
बताया गया कि मवेशियों को जलाने के लिये मिलने वाला डीजल बाजार में बेंच दिया जाता है। निरीक्षण के दौरान प्लांट के जिम्मेदार कर्मचारी मौके से नदारद रहे जिस दौरान उनकी घोर लापरवाही भी सामने आई है। यहां ना तो मशीने चलती मिली और ना ही उन्हें चलाने वाले आपरेटर, यहां कुछ कर्मचारियों ने जेसीबी सहित अन्य मशीनों के खराब होने का बहाना बताया है साथ ही मवेशियों को जलाने वाली मशीन भी खराब बताई गई है।
निरीक्षण टीम ने कार्यवाही की कहीं बात
निरीक्षण टीम ने मौके पर मिली अनियमित्ता के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है और लापरवाहों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात कही है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि जब तक अनियमित्ता खत्म नहीं होती तब तक उनका विरोध चलता रहेगा।