कांग्रेस को एक जुटकर मिस्टर मेयर बने बाबा : भितरघात का शिकार हुए भाजपा के खांटी कार्यकर्ता प्रबोध व्यास
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा में 25 सालों से कब्जा जमाकर बैठी बीजेपी के किले को आखिरकार कांग्रेस ने पूरी ताकत से ध्वस्त कर अपना परचम लहरा दिया है। कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी प्रबोध व्यास को हराकर 10301 जीत हासिल की है। रीवा में कांग्रेस की जनता द्वारा निर्वाचित यह पहली जीत है जिसमें पहली बार जनता ने कांग्रेस का महापौर चुना है। रीवा में 25 सालों से एक तरफाराज कर रही भारतीय जनता पार्टी ने हर बार की तरह इस बार भी अपनी जीत को सुनिश्चित मान रखा था और मध्यप्रदेश सरकार के विकाश कार्या और योजनाओं के नाम पर जनता का समर्थन मांगा लेकिन इस बार जनता ने रीवा के जनादेश में नया अध्याय लिख दिया और हर बार बीजेपी के प्रत्याशी को निर्वाचित करने वाली जनता ने इस बार कांग्रेस को मौका देकर बीजेपी द्वारा आलापे जाने वाले विकाश को अनसुना कर दिया है।
जानिए कांग्रेस की जीत के 5 बड़े कारण
0 कांग्रेस के सभी खेमों को एक साथ लाने में आंतरिक उलझन में नहीं जूझना पड़ा, कांग्रेस ने एक जुटता दिखाकर चुनाव लड़ा
0 कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का स्थानीय व्यापारियों और प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कायम करना।
0चुनाव को पानी, सड़क, बिजली और सीवर सहित स्थानीय मुददों पर केन्द्रित रखा गया।
0चुनाव का बेहतर प्रबंधन और आम जन के पास प्रत्याशी का हर मध्यम से पहुंचना।
0निगम में नेता प्रतिपक्ष एवं पार्षद के रुप में वर्षो का अनुभव, जमीनी कार्यकर्ता होने से आम लोगो का विश्वास जीता
भाजपा की हार के 5 बड़े कारण
0 शहर की सड़कों का बनना और खोदना और फिर उन्हीं सड़कों पर लोगों का दुर्घटनाग्रस्त होने जैसी समस्याओं से जनता परेशान थी।
0 जतिगत समीकरण में फंसे भाजपा के प्रबोध व्यास, ब्राम्हण वर्ग ने प्रबोध व्यास को बाहरी माना और कांग्रेस के ब्राम्हण प्रत्याशी को जनसमर्थन दिया।
0 खुद सत्ता में रहकर भाजपा को मंहगाई, बेरोजगारी और स्थानीय समस्याओं का जिम्मेदार कांग्रेस को बताना पड़ा मंहगा।
0 पार्टी के संगठन पदाधिकारियों का नहीं मिला साथ, चुनाव प्रचार में भी नहीं उतरे वरिष्ठ नेता।
0 चुनाव प्रचार में भाजपा अपने ही विकाश का राग अलापती रही यह लोगों को पसंद नहीं आया।