जानिए कैसे तैयार होती थी नकली सीमेंट और कहां की जाती थी सप्लाई, महीने में होता था कितने का कारोबार…
तेज खबर 24 रीवा।
देश की नामी गिरामी सीमेंट कंपनियों के नाम पर नकली सीमेंट बनाने वाले मुख्य कारोबारी को आखिरकार रीवा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नकली सीमेंट बनाने के आरोप में गिरफ्तार हुए मुख्य आरोपी ने इस कारोबार से जुड़े कई अहम और बड़े रोज खोले है। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से विभिन्न कंपनियों की बोरियां बरामद की है जिनका इस्तेमाल वह नकली सीमेंट को पैक करने के लिऐ करना वाला था। पूंछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह कंपनियों के नाम की बोरियों को यूपी के प्रयागराज से छपावाता था और फिर उन्हीं बोरियों में नकली सीमेंट पैक कर प्रयागराज में ही सप्लाई भी करता था।
गौरतलब है कि नकली सीमेंट बनाने की सूचना पर रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प, एसपी नवनीत भसीन के निर्देश पर त्योथर एसडीओपी समरजीत सिंह परिहार व चाकघाट थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर ने विगत माह पूर्व गढ़ थाना के घूमा स्थित नकली सीमेंट के ठिकाने में दबिश देकर 3 हजार पांच सौ बोरी नकली सीमेंट के साथ पांच ट्रक व एक पिकअप वाहन को जप्त किया था। पुलिस की कार्यवही होते ही इस कारोबार में शामिल सभी आरोपी फरार हो गए थे। शनिवार को गढ़ थाना पुलिस ने इस कारोबार के मुख्य सरगना पप्पू उर्फ महेन्द्र प्रसाद निवासी घूमा को गिरफ्तार कर लिया जिसके घर की तलाशी के दौरान विभिन्न कंपनियों की बोरियां बरामद की गई है।
ऐसे चलता थाना नकली सीमेंट का कारोबार…
आरोपी ने पूंछताछ में बताया कि वह इस कारोबार के लिए फैक्ट्रियों से सीमेंट लेकर आने वालों से सेटिंग बनाकर ट्रकों में अतिरिक्त सीमेंट मंगाता और एक बोरी सीमेंट को राखड़ मिलाकर दो बोरी कर देता। आरोपी के इस कारोबार में उसके दो भाई सहित एक अन्य भी शामिल था जिनके द्वारा ज्यादातर नकली सीमेंट यूपी के ठेकेदारों से संपर्क कर सप्लाई की जाती थी जिसका उपयोग सरकारी निर्माण कामों में किया जाता था।
हर महीने 15 से 20 लाख का टर्नओव्हर
पुलिस की पूंछताछ में सामने आया कि आरोपियों के इस कारोबार में महीने का 15 से 20 लाख का टर्नओव्हर था जिन्होंने इस काम के लिये जंगल के बीच दो एकड़ की जमीन में अपना कारखाना बना रखा था। फिलहाल इस कारोबार के मुख्य सरगना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब कारोबार में शामिल अन्य फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।