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निराश्रितों की पेंशन का घोटाला : REWA में अधिकारी व कर्मचारी अपने खाते में डकार रहे थे निराश्रितों की पेंशन, जानिए कैसे सामने आया फर्जीवाड़ा…

नगर परिषद मऊगंज के अधिकारी व कर्मचारियों का कारनामा, 3 के खिलाफ FIR की तैयारी…
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा जिले की मऊगंज नगर परिषद में निराश्रितों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। नगर परिषद के ऑपरेटर व कुछ कर्मचारियों ने हितग्राहियों की आईडी के साथ अपने बैंक खाते लिंक करा दिए थे जिस कारण पिछले कई महीनों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि इन कर्मचारियों के खाते में पहुंच रही थी। हितग्राहियों ने इसकी शिकायत नगर परिषद अधिकारियों से की तो जांच के आदेश हुए इसमें फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कंप्यूटर ऑपरेटर अमित साकेत के अलावा शिवम और अतुल सहित अन्य लोगों के खिलाफ f.i.r. के लिए पुलिस को सूचना दी गई है।

बताया जाता है कि कंप्यूटर ऑपरेटर अमित साकेत नें नगर परिषद की आईडी व पासवर्ड शिवम परौहा को दे दी थी। उसने वार्ड क्रमांक 10 निवासी हितग्राही वनस्पति सिंह का खाता डिलीट कर अपना खाता नंबर जोड़ दिया। वनस्पति के नाती को इस बात की जब जानकारी लगी तो शिवम ने कई महीनों की पेंशन राशि वापस की और इस तरह से वनस्पति एक अकेला ऐसा उदाहरण है जिसने इस फर्जीवाड़े में आरोपियों का साथ दिया है।


कई हितग्राहियों के साथ हुआ फर्जीवाड़ा खंगाले जा रहे दस्तावेज…
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पेंशन घोटाले में कई पेंशन धारी हितग्राही इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं जिनमें से अब तक कई तो सामने ही नहीं आए। आरोपियों ने विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को मिलने वाली पेंशन सहित अन्य राशि में अपना खाता जोड़ कर उसका फर्जीवाड़ा किया है। लगातार दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं माना जा रहा है कि जांच में कई पीड़ितों के नाम सामने आ सकते हैं जो अभी तक अपने साथ हुए फर्जीवाड़े से भी अनभिज्ञ है।


जीवित हितग्राहियों को बता दिया मृत…
हितग्राहियों को पेंशन वितरण करने के लिए दी जाने वाली आईडी व पासवर्ड हाथ लगने के बाद आरोपियों ने कई योजनाओं में इसी तरह का फर्जीवाड़ा किया है। बताया जाता है कि कई जीवित हितग्राहियों की समग्र आईडी डिलीट कर उन्हें मृत बता दिया गया और पेंशनरों को म्रत बताकर उनकी आईडी बंद कर दी। इसी तरह पैसे लेकर फर्जी तरीके से राशन पर्ची भी जारी की गई, जो फर्जी पर्ची पकड़ में आई है उन्हें निरस्त कर दिया गया है। बताया जाता है कि ऑपरेटर अमित व शिवम द्वारा 2 हजार से 25 सौ लेकर इस तरह की पर्ची दी जाती थी। फिलहाल इस पूरे फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है और पुलिस को एफआई आर दर्ज करने की सूचना भी दे दी गई है।

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